क्या दुःख देने वाले को मिलता है दुःख ?
हा, दुःख देने वाले को मिलता है दुःख। कर्म का सिद्धांत कहता है कि जो दुख हम किसी को देंगे, वही हमें भी किसी न किसी रूप में वापस मिलेगा। ये एक ऐसा सत्य है जो समय के साथ सिद्ध होता है। इसलिए, समझदारी इसी में है कि हम अपनी सोच और व्यवहार को बदलें और दूसरों को दुःख पहुंचाने से बचें ।
रॉबर्ट एक अमीर और ताकतवर व्यक्ति था, लेकिन उसे अपने गरीब पड़ोसी, जॉन को नीचा दिखाने में मजा आता था। रॉबर्ट अक्सर अपने घर का कचरा जॉन के दरवाजे के सामने फेंकता और कई बार उसके घर के सामने गाड़ी भी पार्क कर देता, जिससे जॉन को दिक्कत होती। जॉन ने कई बार विनती की, पर रॉबर्ट ने उसकी परेशानियों को हमेशा नजरअंदाज किया और उसकी बेबसी का मजाक उड़ाया।
एक दिन जॉन ने रॉबर्ट से कहा, “एक दिन तुम्हें भी अपने किए का फल मिलेगा। ”
दुःख देना मत, क्योंकि दुःख वापस लौटता है
रॉबर्ट ने जॉन की बातों को हंसी में उड़ा दिया। लेकिन कुछ ही समय बाद रॉबर्ट के घर के पास एक खाली पड़ी जमीन पर एक और अमीर व्यक्ति ने मकान बनाया। लोग उसे “बॉस” के नाम से जानते थे। बॉस न सिर्फ रॉबर्ट से ज्यादा अमीर था, बल्कि एक प्रभावशाली और ताकतवर इंसान भी था। उसने रॉबर्ट को परेशान करना शुरू कर दिया—कभी उसके घर के सामने गाड़ियाँ खड़ी करता, कभी शोर मचाता।
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बॉस ने रॉबर्ट पर एक कोर्ट केस भी कर दिया, जिससे रॉबर्ट को बार-बार बेइज्जती का सामना करना पड़ा। कुछ महीनों बाद रॉबर्ट का कारोबार अचानक घाटे में जाने लगा। उसकी संपत्ति कम होती गई, और परिस्थितियां ऐसी बनीं कि उसे अपना घर बेचकर जॉन की बगल में एक छोटे से घर में रहना पड़ा। वो कभी जॉन से आंख नहीं मिला पाया।
बुद्ध: कहते हैं कि “हम जो बोते हैं, वही हम काटते हैं।”
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अकसर अपने फायदे के लिए दूसरों को दुख पहुंचाने से भी नहीं हिचकिचाते। लेकिन कर्म का सिद्धांत कहता है कि जो दुख हम किसी को देंगे, वही हमें भी किसी न किसी रूप में वापस मिलेगा।
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ध्यान रखें: कर्म कभी किसी को माफ नहीं करता
इसी तरह का एक अन्य उदाहरण सज्ञान में आया की –
Emma और Jack की शादी को पाँच साल हो चुके थे। बाहर से उनकी जिंदगी खुशहाल लगती थी, लेकिन Jack का दिल कहीं और लग चुका था। वह अपनी एक सहकर्मी के साथ संबंध में था और इस बात को Emma से छुपाए हुए था। Emma, Jack पर पूरा भरोसा करती थी, लेकिन धीरे-धीरे उसने Jack के व्यवहार में बदलाव महसूस किया। जब उसने पूछा, Jack ने बहाने बना दिए, और Emma ने चुपचाप मान लिया। कुछ समय बाद Emma को Jack का सच पता चला।
Jack , Emma को छोड़कर अपनी नई प्रेमिका के साथ आगे बढ़ गया। Jack अपनी नई साथी के साथ खुश था और सोचता था कि अब वह अपनी जिंदगी में सही इंसान के साथ है।लेकिन कुछ महीनों बाद, एक दिन, उसे पता चला कि उसकी नई साथी भी किसी और से जुड़ी हुई थी और उसने उसे धोखा दिया है। जब उसने उससे इस बारे में सवाल किया, तो उसने भी वही बहाने बनाए जैसे वह Emma के सामने करता था।
Jack को तब एहसास हुआ कि उसने जो धोखा Emma को दिया था, वही उसे वापस मिला। उसनेEmma से किए गए अपने बर्ताव का पछतावा किया, लेकिन अब बहुत देर हो चुकी थी। उसने Emma से माफी मांगने की कोशिश की, लेकिन Emma ने अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने का फैसला कर लिया था।
कर्म का फल हमें इसी जन्म में, अगले जन्म में या किसी न किसी रूप में जरूर मिलता है।” यह बात चाहे धर्म की हो या आध्यात्मिकता की, हर मान्यता में इसे स्वीकारा गया है। हम कह सकते हैं की दुःख देने वाले को मिलता है दुःख ।
जो बोओगे वही पाओगे –
हम चाहे कितनी भी कोशिश कर लें, कर्म को नहीं बदल सकते। इसलिए दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा हम अपने साथ चाहते हैं। याद रखें कि दूसरों को दुख देने का परिणाम हमें किसी न किसी रूप में जरूर मिलेगा।
कर्म का ये सिद्धांत हमेशा याद रखें:
“हमारी जिंदगी वही है जो हम दूसरों के लिए बनाते हैं। अगर हम दूसरों को प्यार और खुशी देंगे, तो वही हमारे पास लौट कर आएगा।”
विशेष सलाह:
कभी भी किसी का अपमान या अनादर न करें। जैसा आप देंगे, वही लौटकर आपके पास आएगा। यही कर्म का शाश्वत सिद्धांत है।
अगर ये बात हर व्यक्ति समझ जाए, तो समाज में प्रेम और शांति का माहौल कायम हो सकता है।